Saturday, September 27, 2008

असली आतंकवादी ASALI AATANKWAADI

बाँटती आतंकियों को कानूनी मदद और
अगले धमाके का जो करे इन्तज़ार है
कोई मरे कोई जिये,इसे कोई फर्क नहीं
असली आतंकवादी,खुद सरकार है

मरें जो हज़ारों इन्हें कोई भी शरम नही
हत्यारों के लिये सिर्फ मानवाधिकार है
कहते कङाई से मुक़ाबला करेंगे हम
पर कुछ ना करें,धिक्कार है धिक्कार है

भूल के जो बलिदान, संसद के शहीदों का
आतंकी को फाँसी ना दो हो रही गुहार है
मेडल वापस लेते आई ना शरम हाय
प्रजातंत्र का ये सरे आम बलात्कार है