Friday, March 28, 2008

वन्दे मातरम VANDE MATARAM

केसरिया वो तिलक लगा के
देश भक्ति के भाव जगा के
आज़ादी की अलख जगा के
मिल के गायें हम
वन्दे मातरम...
वन्दे मातरम
दुनियाँ भर मे हम छा जायें
भारत माँ की शान बढायें
सच के रस्ते बढते जायें
फिर दोहरायें हम
वन्दे मातरम...
वन्दे मातरम
भेद भाव सब दूर भगा के
भारत से आतंक मिटा के
जान का अपनी दाँव लगा के
बढते जायें हम
वन्दे मातरम...
वन्दे मातरम

नाथन के नाथ अनाथ हैं हम NATHAN KE NATH ANATH HAIN HUM

नाथन के नाथ अनाथ हैं हम,
फिर आन ना संकट क्यू हरते
कहते हैं दीन दयाल हो तुम,
इस दीन की पीर न क्यूं हरते
क्यूं काम मोरे बिगरे सगरे,
तुम आकर राह दिखा जाओ
सब रिश्ते नाते झूठ हुए,
पितु मातु तुम्हीं हो निभा जाओ जाओ
बस हौंस तुम्हारे नाम की है,
इस नाम से ही सब दुख डरते
नाथन के नाथ अनाथ हैं हम,
फिर आन ना संकट क्यू हरते

जाने क्यूँ???

दिल मे कोई बात नहीं है
कोई भी जज़्बात नहीं है
इन्तज़ार की बात नहीं है
फिर भी तकता राह किसी की

ग़म का कोई नहीं अन्धेरा
नहीं खुशी का कोई सवेरा
ना अरमानों का कोई डेरा
फिर भी तकता राह किसी की

कोई फूल ना खिलने वाला
नहीं कोई भी मिलने वाला
जाम न साक़ी, खाली प्याला
फिर भी तकता राह किसी की

इक तरफा इक़रार है शायद
बिना कहे इज़हार है शायद
हुआ नहीं, पर प्यार है शायद
फिर भी तकता राह किसी की