Tuesday, February 5, 2008

काव्य रेसिपी

एक कटोरी शब्द लो, आधा कप अरमान
डाल के मन के थाल में, साफ करो श्रीमान
साफ करो श्रीमान, दुखों की आग जलाओ
धीमी धीमी आँच पे, इनको खूब पकाओ
इनको खूब पकाओ, प्यार दो चम्मच डालो
नमक आँसुओं का फिर, थोङा यार मिला लो
मिला आँसुओं क नमक, कुछ डालो जज्बात
कुछ डालो मासूमियत, कुछ डालो हालात
कुछ डालो हालात, प्यार से फिर ढक देना
आँखें जब भर आयें, उबलने तब तक देना
उबल जाय जब ये सभी,दिल को कुछ समझाय
खामोशी का आप फिर, तङका देओ लगाय
तङका देओ लगाय, सर्व फिर गरम कराओ
काव्य रेसिपी यही है,मिल कर लुत्फ उठाओ