Saturday, November 28, 2009

CHALAN

लुट पिट हार - छोङ घर औ व्यापार
हम भरन चालान आज न्यायालय आ गये
पर लुटी मौज देख वकीलों की फौज
जैसे कई भस्मासुर आज धरती पे छा गये

कोई कहे बेल होगी कोई कहे जेल होगी
बचने को हमसा वकील कर लीजिये
चाहते बचानी जान कहना ये लीजे मान
ढाई लाख लगेंगे अपील कर लीजिये

इतना डराया हमें, इतना सताया हमें
हम घबरा गये, पसीने से नहा गये
घर औ दुकान कर वकीलों के नाम
हम छोङ के सामान सब हॉस्पिटल आ गये

फिर ले चालान चले कोर्ट में वकील
पेश की ऐसी दलील के हिसाब कर लीजिये
बन्दा है गरीब, पङा मौत के क़रीब
फूटा इसका नसीब, इसे माफ कर दीजिये.....

Monday, May 11, 2009

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ONLY BAKWAS n enjoy the bakwas
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Tuesday, February 10, 2009

VALENTINE DAY

कहते हैं इश्क़ तो बन्धन है जन्मों जन्मों का
एक दिन में सभी जनम वो निभा लेते हैं
नुमाइश कर के चन्द लमहों की
इस तरह जश्ने मुहब्बत वो मना लेते हैं

बेज़ुबाँ इश्क़ जो अन्धा भी है और पागल भी
ऐसे मासूम को कैसी ये सज़ा देते हैं
पाक सी चीज़ जो खुदा से मिलती जुलती थी
करके नापाक उसे सङकों पे ला देते हैं

महँगे तोहफों से तौल कर दिल को
प्यार की बोलियाँ वो खूब लगा लेते हैं
भूख और प्यास ना समझे जो नाम पर उसके
भूखी नज़रों से हरेक प्यास बुझा लेते हैं

इस तरहा जश्ने मुहब्बत वो मना लेते हैं.....