Friday, March 28, 2008

नाथन के नाथ अनाथ हैं हम NATHAN KE NATH ANATH HAIN HUM

नाथन के नाथ अनाथ हैं हम,
फिर आन ना संकट क्यू हरते
कहते हैं दीन दयाल हो तुम,
इस दीन की पीर न क्यूं हरते
क्यूं काम मोरे बिगरे सगरे,
तुम आकर राह दिखा जाओ
सब रिश्ते नाते झूठ हुए,
पितु मातु तुम्हीं हो निभा जाओ जाओ
बस हौंस तुम्हारे नाम की है,
इस नाम से ही सब दुख डरते
नाथन के नाथ अनाथ हैं हम,
फिर आन ना संकट क्यू हरते

1 comment:

Anonymous said...

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